आनंद ही आनंद है
हम जोगी हैं गुरु नाम के
हम जोगी हैं गुरु नाम के
गुरु नाम का हमको जोग लगा
गुरु नाम बिना किस काम के
जोगी जोगी जोगी जोगी गुरु नाम के जोगी
गुरु ने हमको सिखलाया है आनंद ही आनंद है
गुरु नाम का अमृत है ये अमृत रस को पी लो
गुरु की शरण में आये जो – गुरु की शरण में आये जो
सुख पता चारों धाम के
गुरु हैं कहते बिन करनी के कैसे फल पायेगा
अरे, कुछ तो करले जीवन में नहीं बैठा रह जायेगा
बन्दे कर ले कुछ करम – बन्दे कर ले कुछ करम
अभी दिन नहीं आराम के
मुझको देखो मैं हूँ हँसता, तुम भी ऐसे हंसना
छोड़ दो मोह माया के झगड़े, इन झगड़ों में फंसना
हँसते रहो गुरु बोले हैं – हँसते रहो गुरु बोले हैं
दिन चंद बस इन्सान के
हम जोगी हैं गुरु नाम के
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