मस्तिष्क के शशक्तिकरण के लिये आहार

क्या आप जानते हैं कि आपका मस्तिष्क ऊर्जा का सबसे बड़ा उपभोक्ता है; यह आपकी शरीर की ऊर्जा की पूरी खपत का 20 प्रतिशत हिस्सा लेता है।  इसलिए ढेर सारी हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों से युक्त एक संतुलित आहार जो मस्तिष्क कोशिकाओं को ज़रूरी विटामिन्स और मिनेरल्स प्रदान करे, लेना चाहिए।  और एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क होने के लिए, आपको अपने सुबह के नाश्ते और भोजन पर उचित ध्यान देना होगा।  नीचे कुछ महत्त्वपूर्ण सुझाव दिये हुए हैं:

  • मस्तिष्क का लगभग दो तिहाई ओमेगा-3 और ओमेगा-6 जैसी मौलिक वसाओं द्वारा बना है। इन्हें मौलिक इसलिए कहा गया है क्योंकि इन्हें शरीर द्वारा बनाया नहीं जा सकता है। ओमेगा-3 के स्रोत हैं – सन के बीज, अखरोट, समुद्री सब्जियाँ, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, कोल्ड प्रेस्ड सूरजमुखी, कुसुम मकई और तिल का तेल।
  • ग्लूकोज़ या रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) मस्तिष्क का प्राथमिक ईंधन है। इसलिये पढ़ते या व्यापक स्तर पर सोचते समय कार्बोहाइड्रेट्स एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि ये शरीर के भीतर ग्लूकोज़ में बदल जाते हैं।
  • विटामिन सी में मिलने वाले एंटि-ऑक्सीडेंट्स, बीटा कैरोटीन और विटामिन ई मस्तिष्क को स्वस्थ रखते हैं। विटामिन सी के मुख्य स्रोत हैं हरी मिर्च, संतरे और स्ट्रॉबेरी। गाजर, पालक और खूबानी जैसे गहरी हरे पत्तेदार और नारंगी सब्जियाँ और फल खाइये।
  • आयरन की कमी घटी हुई एकाग्रता, घटा हुआ ध्यान, बुरा सामंजस्य और एकाग्रता में अक्षमता को बढ़ाती है। आयरन मस्तिष्क कोशिकाओं तक ऑक्सिजन पहुंचाने में मदद करता है। फलियाँ आयरन का एक अच्छा स्रोत हैं।  आयरन अवशोषण को बढ़ाने के लिए विटामिन सी से भरपूर भोजन कीजिये।
  • मेहँदी की महक चेतना और याददास्त बढ़ाती है। पुदीने(पेप्परमिंट) और नीलगिरी(यूकेलिप्टस) के तेल से संज्ञानात्मक प्रदर्शन (कोग्निटिव परफॉर्मेंस) में बढ़ोत्तरी होती है।
  • याददास्त और मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाने में शहद और आँवले का मिश्रण भी अत्यधिक लाभकारी है। याददास्त बढ़ाने के लिए काली मिर्च, बादाम(पिसे हुए) और शहद का प्रयोग भी लाभकारी है।

नाश्ता और भोजन छोड़ना(या नहीं करना)

यदि आप नाश्ता नहीं करते हैं तो जब तक आप दोपहर का भोजन करेंगे तब तक पिछले भोजन से करीब 10 से 14 घंटे बीत चुके होंगे।  इसका मतलब है कि आपका ब्लड शुगर लेवेल गिर चुका होगा और आपके शरीर को देने के लिए ऊर्जा नहीं बची होगी।  यह कम हो चुकी ब्लड शुगर या हाइपोग्लाइसीमिया घटी हुई याद्दास्त, समस्या समाधान और एकाग्रता में मुश्किल पैदा करती है।

और चाहे नाश्ता हो दोपहर का या रात का भोजन हो बहुत ज़्यादा मात्रा में न करें। पूरे दिन में 5 से 6 बार हल्का भोजन बेहतर होगा।

पूरे दिन में कई बार भोजन करना आपके ऊर्जा स्तर को ऊँचा रखेगा फलस्वरूप पढ़ाई में ज़्यादा देर तक एकाग्रता रहेगी।  हर तीन घंटे पर भोजन करना आपके चयापचय को सुदृढ़ करेगा और वज़न को भी बढ़ने से रोकेगा।