यह विश्वास रखें कि जिस भी चीज की आपने तीव्रता से इच्छा की है वह अवश्य फलीभूत होगी। यदि मौजूदा परिस्थितियों में यह असंभव भी लगे तो आप निश्चिंत रहें। आपने आप में विश्वास और श्रद्धा रखें, नियति आपके इच्छित फलों के लिये अवसर और परिस्थितियां स्वयं उत्पन्न कर देगी।
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Posted on मई 16, 2012, in उद्धरण, प्रवचन. Bookmark the permalink. टिप्पणी करे.
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