झुग्गी झोपड़ी शिक्षा सेवा मिशन
हमारा संकल्प है, हिंदुस्तान के हर शहर में जो बच्चे कभी किसी स्कूल का मुंह तक नहीं देख पाते उनके लिए साई-डिवाइन पब्लिक स्कूलों की स्थापना करना ।
नयी मनुष्यता के जन्म हेतु “बचपन से ही ध्यान और प्रेम की दीक्षा तथा आधुनिक ज्ञान और विज्ञान की शिक्षा”
प्रिय मित्रों,
“मेरा लक्ष्य है – पृथ्वी पर हँसता हुआ जीवन। एक ऐसा जीवन जो भीतर से पूरी तरह शांति और आनंद से भरा हो तथा आर्थिक सुख समृद्धि की ऊँचाइयों पर भी हो। किन्तु, भारत का भविष्य कहे जाने वाले अधिकांश बच्चे भारी संख्या में देश के समस्त शहरों में झुग्गियों में पैदा होते हैं और कभी किसी स्कूल का मुंह देखे बिना भीख मांगने अथवा जेब काटने की ट्रेनिंग लेकर या विवशता वश बाल-मजदूर बनकर जीवन का नरक झेलते-झेलते मर जाते हैं। इन बच्चों से उनकी मासूमियत छीनने के लिए सारा देश अपराधी है।
मेरा मानना है “‘झुग्गी झोपड़ी शिक्षा सेवा मिसन’ के प्रति सहयोग की दिशा में आपका छोटा सा संकल्प आपके शहर के हजारों नन्हे-मुन्ने, अबोध बच्चों को मौत के मुंह में जाने से अथवा नारकीय जीवन जीने से बचा सकता है।”
– स्वामी राम कृपाल जी
Let’s nurture their childhood with love & meditation
झुग्गी-झोपड़ी शिक्षा सेवा मिसन के अंतर्गत “साई-डिवाइन पब्लिक स्कूल” पिछले ६-७ वर्षों से देश के बड़े बड़े शहरों में चल रहे हैं। इस विद्यालय में देश के गरीब और अनाथ बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। इन बच्चों को सभी सुविधाएं जैसे:- खाना, कपड़ा तथा कॉपी-किताब आदि बड़ी आसानी से उपलब्ध हो रही है। जो बच्चे कभी स्कूल का मुंह तक नहीं देख पाते उन बच्चों को आवश्यक सुविधाओं के साथ साथ उच्च स्तर की शिक्षा व्यस्था कराना अपने आप में एक बहुत बड़ा कार्य है। जिसे साई-डिवाइन फाउनडेशन द्वारा बड़ी ही आसानी से सुचारू रूप से चलाया जा रहा है। यहाँ आने वाला प्रत्येक बच्चा कूड़ा-कचरा उठाने वाला, जुआरी, शराबी न होकर बचपन से ही ध्यान और प्रेम की शिक्षा पाकर देश का एक सभ्य नागरिक कहलाने का हकदार हो जाता है।
हमारा संकल्प है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए क्योंकि शिक्षा प्रत्येक बच्चे का जन्म-सिद्ध अधिकार है। साई-डिवाइन पब्लिक स्कूल में लगभग २०० बच्चे सभी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। इन बच्चों का एक महीने में एक बार मेडिकल चेक-अप भी कराया जाता है। मेरा मानना है कि जीवन सृजन की इस वैज्ञानिक प्रयोगशाला से गुजरकर एक ऐसा मनुष्य जन्म लेगा जो धरती पर अध्यात्मिक और भौतिक क्रांति का सूत्रपात करेगा।
सभ्य और योग्य शिक्षकों की देख-रेख में ये झुग्गियों में रहने वाले बच्चे विद्यालय परिसर के विशाल प्रान्गड़ में महा मेधा क्रिया का अभ्यास करते हैं जो मस्तिष्क की अद्वितीय क्षमताओं को बाहर कैसे लाती है। मेरा मानना है कि इन्हीं बच्चों में कोई न कोई देश कि भावी प्रतिभा छुपी है क्योंकि प्रतिभा किसी कि मोहताज नहीं होती। आने वाले समय में साई-डिवाइन पब्लिक स्कूल देश का नाम रोशन करेगा, यही मेरी हार्दिक इच्छा है।
स्वामी राम कृपाल जी
संस्थापक: साई-डिवाइन फाउँडेशन
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