Author Archives: अजय प्रताप सिंह

कम प्रयासों से अधिक की प्राप्ति

बहुत समय से पुराने लोग इस भ्रम में थे कि जीवन से और अधिक प्राप्त करने या जीवन में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त करने के लिये हमें कठिन मेहनत करनी होगी, अपने व्यावसायिक जीवन को और अधिक समय और ऊर्जा देनी होगी और हर तरह का बलिदान देना होगा।  तथापि, रिचर्ड कोच ने पता लगाया कि यह निष्कर्ष गलत है।  उन्होने यह सिद्ध किया कि किस तरह जीवन के हर क्षेत्र में “कम प्रयासों से अधिक की प्राप्ति हो सकती है”।  वे कहते हैं, आनंद, ज़्यादा के लिए प्रयास करने से नहीं कम के लिए करने से प्रवाहित होता है।  अधिक की प्राप्ति के लिए काम कम करो।  यह सिर्फ उन चीजों पर जो कि वास्तव में महत्त्वपूर्ण हैं ध्यान देकर प्राप्त किया जा सकता है।  इसके लिए, अपने सिर्फ सबसे बेहतरीन 20 प्रतिशत पर ध्यान केन्द्रित रखिए।  यह दावा “80/20 सिद्धान्त” की जबर्दस्त खोज पर आधारित है।

यू कैन टॉप

आपमें स्वयं को परिभाषित करने की परम शक्ति है।  आपका भूत कभी आपके वर्तमान या भविष्य का निर्धारण नहीं कर सकता है।  इसलिये आज से ही अपनी नयी शक्तिशाली पहचान का दावा शुरू कीजिये।  लिखना शुरू कीजिये कि आप क्या बनना चाहते हैं।  और मेरा विश्वास कीजिये, आप जो भी चाहें बन सकते हैं और अपनी पहचान आप बदल सकते हैं सिर्फ इसे करने का निर्णय लेकर।  निर्णय लीजिये, सोचना शुरू कीजिये, अनुभव कीजिये और जैसा आप बनना चाहते हैं वैसे होने का अभिनय  कीजिये।  जल्दी ही एक चमत्कार होगा:  आप वही व्यक्ति बन जाएंगे। 

गाज़ियाबाद में गुरुपूर्णिमा महोत्सव सम्पन्न

कल गुरुपूर्णिमा का महोत्सव गाज़ियाबाद धाम पर आयोजित किया गया था। मुझे भी इस अवसर पर उपस्थित रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। झुग्गी झोपड़ी शिक्षा सेवा मिशन के बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए कार्यक्रम बड़े ही मनोहारी थे। उनके द्वारा और उनके ऊपर संस्थान द्वारा की गयी मेहनत साफ दिख रही थी। हम लोग तो वहाँ सिर्फ कुछ घंटों के लिए ही गए थे परन्तु संचालक और सेवादार सुबह से ही तैयारियों में लगे हुए थे। कई घंटों की कड़ी मेहनत के बाद की स्वाभाविक थकान, खिन्नता और शिकन का कहीं कोई नामो-निशान तक नहीं था। यह अगर संभव हुआ था तो मात्र साक्षी श्री के सान्निध्य की वजह से। अपने भक्तों, अनुयायियों और शिष्यों से मिलकर साक्षी श्री को जो खुशी मिलती है वह भी साफ झलक रही थी साक्षी श्री के चेहरे पर।

साक्षी श्री ने छात्रों को ध्यान में रखकर “यू कैन टॉप” नामक एक पुस्तक लिखी थी जो कि हर एक छात्र को अवश्य पढ़नी चाहिए। इसमें स्वस्थ तन, स्वस्थ मन और आत्म-बोध के लिए बहुत ही सरल, वैज्ञानिक तकनीकियाँ समझाई गयी हैं जिनके अभ्यास से जीवन में महान सकारात्मक परिवर्तन लाए जा सकते हैं। इस पुस्तक की लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए गुरुदेव की इच्छा थी कि इसका हिन्दी संस्करण भी बनाया जाय।

मेरे सौभाग्य और गुरुदेव के आशीर्वाद से यह कार्य करने का सुअवसर मुझे प्राप्त हुआ। पुस्तक का सरल हिन्दी में अनुवाद पूरा हो चुका है और अब यह बहुत शीघ्र ही पाठकों के लिए उपलब्ध होगी।

– अजय प्रताप सिंह

डर और चिंता

क्या आप किसी चीज से डरते हैं और उस पर काबू पाना चाहते हैं? याद रखिए डर किसी भी तरह के खतरे की जीव-वैज्ञानिक प्रतिक्रिया है।  इसके लक्षण हैं तनाव, कमजोरी, पेट में खालीपन आदि। अगर खतरा ऐसे कोई लक्षण प्रकट नहीं करता है तो या तो व्यक्ति खतरे के प्रति उदासीन है या फिर “चिंतित” है लेकिन डरा हुआ नहीं।  इससे कोई कैसे निपटता है यह दो कारकों पर निर्भर है: डर की तीव्रता और व्यक्ति की आंतरिक इच्छाशक्ति।  यदि आप किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहते हैं तो ऐसी भावनाओं से आपका कभी सामना नहीं होगा।  डीप ब्रीदिंग, पावर स्लीप और महा मेधा क्रिया ये सभी डरों से बाहर निकलने में आपकी मदद करती हैं क्योंकि ये आपको स्थिति का विश्लेषण करने और जीतने के लिए उपयुक्त रणनीति विकसित करने का अवसर देती हैं।

जल्दी सीखने का अभ्यास

क्या आपने कभी ध्यान दिया है, आपके आप-पास के सफल लोग कौन सी आदतें धारण करते हैं? जिस प्रकार वे बात करते हैं, चलते हैं, अलग-अलग उम्र के लोगों से कैसे संवाद करते हैं उसकी एक सूची बनाने की कोशिश कीजिये और क्यों न उन्हीं से सलाह लें कि आपको किस तरह से व्यवहार करना चाहिये, काम करना चाहिये, अध्ययन करना चाहिये और जीना चाहिये; वे अपने रहस्यों को आपसे बांटने में प्रसन्न ही होंगे।

कुछ भी जल्दी सीखने का सबसे अच्छा तरीका है कि जो आप सीखना चाहते हैं उसका पूर्वदर्शन कीजिये। फिर यह समझने का प्रयास कीजिये कि उस विषय पर किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं,  यह जानने के बाद पाठ्य सामग्री और अपने नोट्स को पढ़ने का प्रयास कीजिये।  अंततः, आपने जो पढ़ा है उसका स्वयं अनुवाचन कीजिये और बीच में आप जो भूल गए हैं उसकी जाँच कीजिये।  इस अंतर को दूर करके आप एक आत्मविश्वासी शिक्षार्थी बन सकते हैं।

उद्धरण: ‘यू कैन टॉप’ पुस्तक

शक्तिशाली श्वशन (पावर ब्रीदिंग) काफी प्रभावकारी है!

अपनी एकाग्रता को बढ़ाने और तनाव स्तर को कम करने के लिये, योगी और कुशल लोग इसी प्रकार की पावर ब्रीदिंग की सलाह देते हैं।  इस सलाह के पीछे रहस्य यह है कि श्वसन आपके शरीर को प्रचुर मात्र में प्राणवायु (ऑक्सिजन) प्रदान करता है और अंततः यह प्राणवायु मस्तिष्क तक पहुँच कर इसे सक्रिय और ऊर्जावान बनाती है।  पावर ब्रीदिंग कहीं भी की जा सकती है और यह क्षात्रों के लिये सर्वोत्तन व्यायाम मानी गयी है।

पावर ब्रीदिंग के लिये, सुखपूर्वक बैठ जाइए और अपनी नासिका से धीरे-धीरे गहरी सांस लीजिये और अपने पेट को अंदर खींचते हुए सांस को बाहर निकालिये।  इस कार्य को बिना किसी जल्दबाज़ी के 10 बार करना है।

उद्धरण:  “यू कैन टॉप” पुस्तक

आस्था और आकर्षण

आस्था इतनी शक्तिशाली है कि यह घटनाओं और आपकी मनोवांछित परिस्थितियों को आपके जीवन में आकर्षित करने के लिये प्रयोग की जा सकती है।  आस्था का अभाव आपके मस्तिष्क में उन विचारों को उत्पन्न करेगा जो आपकी उन इच्छित घटनाओं जिनका कि आप आकर्षण करना चाहते हैं उनके विपरीत होगा।  उदाहरण तया, आपकी करोड़पति बनने की इच्छा हो सकती है, लेकिन आप ईमानदारी से यह विश्वास नहीं कर पाते हैं कि आप अपनी वर्तमान परिस्थितियों में इसे इतनी शीघ्रता से प्राप्त कर सकते हैं।  दृढ़ आस्था के अभाव में आपकी सभी इच्छाएं एवं लक्ष्य व्यर्थ हैं।

अपने लक्ष्य को वास्तविकता में बदलने के लिये आपको अपने भीतर प्रबल विश्वास करने की दृढ़ इच्छा शक्ति विकसित करनी होगी।  कोई भी व्यक्ति अपने आस्था तंत्र को सकारात्मक रूप से बढ़ना और दिन प्रतिदिन शक्तिशाली होना सिखा सकता है।  शुरुआत आप एक ऐसे लक्ष्य से कर सकते हैं जिस पर आपको विश्वास हो कि यह प्राप्त करना संभव है।  प्रारम्भ में शून्य से करोड़पति बनना बहुत अधिक लग सकता है, लेकिन लखपति बनने का लक्ष्य बनाना संभावना के क्षेत्र में लगता है।  आप इस लक्ष्य को प्राप्त करने में आस्था रखिये और आप देखेंगे कि किस तरह आकर्षण का नियम आपके लिये कार्य करता है।

उद्धरण: “यू कैन टॉप” पुस्तक।

आकर्षण का नियम

“सिर्फ बहुत कम लोग विचार करते हैं, उनमें से ज़्यादातर सोचते हैं कि वे विचार करते हैं लेकिन इस पृथ्वी पर ज़्यादातर लोग विचार करने के विषय में सोचते तक नहीं हैं”।

उद्धरण: यू कैन टॉप पुस्तक।

साइन्स डिवाइन आंदोलन

साइन्स डिवाइन आंदोलन

      साइन्स डिवाइन आंदोलन का नेतृत्व साक्षी राम कृपाल जी जिन्हे हम प्रेम पूर्वक साक्षी श्री भी कहते हैं,  द्वारा किया जा रहा है। वे एक प्रबुद्ध गुरु और परमात्मा के संदेश वाहक हैं।  साई डिवाइन: साइन्स ऑफ  डिवाइन लिविंग द्वारा उन्होने आध्यात्मिकता का सरलीकरण किया है जिससे कि सामान्य लोग भी उसका अनुभव कर सकें और उससे लाभान्वित हो सकें।  साइन्स डिवाइन, विश्व में प्रेम और ध्यान का संदेश फैलाता है और स्वस्थ तन, स्वस्थ मन एवं आत्म-बोधित आत्माओं युक्त मानवता का निर्माण करता है। साइन्स डिवाइन आपको भौतिक सुविधाओं को भोगते हुए चिरस्थायी आनंद का स्वागत करने में समर्थ बनाता है।

साइन्स डिवाइन के माध्यम से साक्षी श्री एक सशक्त आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं, और व्यक्तियों को उन विचारधाराओं, अनुष्ठानों, और विश्वास प्रणालियों से मुक्त कराने के लिए सतत कार्यरत हैं जिन्होने मनुष्यता को अंधा और विभाजित कर रखा है।  वे ईश्वर को, “सर्वव्यापी अनंत ऊर्जा जो स्वयं को शांति और आनंद के रूप अभिव्यक्त करती है जिसका कि अनुभव ही ‘प्रबोधन’ है”, के रूप में परिभाषित करते हैं ।

पश्चिम में, अधिकतर लोग अपना समय और ऊर्जा भौतिक उपलब्धियों में लगाते हैं जबकि पूर्व में लोगों ने आध्यात्मिक जागृति के लिये भौतिक जगत को त्याग दिया, जिसके संबंध में उनका विश्वास है कि उनकी दुखों से मुक्ति और प्रसन्नता प्राप्ति में सहायता करेगी।  इसीलिए साक्षी श्री भौतिक और आध्यात्मिक जगत में सामंजस्यपूर्ण संतुलन बनाए रखने पर ज़ोर देते हैं।  साक्षी श्री के “भीतर से सन्यास, बाहर से संसार” यानि बाहरी सांसारिक कर्तव्यों को पूरा करते हुए भीतर से आत्मसमर्पण के जीवन दर्शन का अभ्यास करके, बिना एक दूसरे से सम्झौता किये हुए व्यक्ति दोनों का ही आनंद ले सकता है।

यद्यपि, “विचार शक्ति” के विज्ञान को अपनाकर हम भौतिक जगत में जो भी चाहें प्राप्त कर सकते हैं, फिर भी हमें अंदर से शांति और आनंद की स्थिति में रहने का प्रयास करना चाहिए।  हमें सुख और दुख, लाभ और हानि, विजय और पराजय जैसी द्वंद की स्थिति से बाहर निकलने का प्रयास करना चाहिए।  कार के पहिये बहुत तेज गति से गतिमान होते हैं जबकि धुरी (ऐक्सेल) स्थिर रहती है, इसी प्रकार, व्यक्ति को बाहर से गतिमान और भीतर से धुरी की तरह स्थिर होना चाहिए।

साइन्स डिवाइन संजीवनी शिविरों के माध्यम से साक्षी श्री आनंदमय जीवन एवं आधुनिक युग की बीमारियों से निबटने के प्रभावशाली उपचार के लिये क्रांतिकारी अंतर्दृष्टि प्रदान करते रहे हैं।  उनकी संजीवनी क्रिया, सिद्ध कामना क्रिया, साक्षी साधना आदि जैसी लघु, सामान्य एवं अत्यधिक प्रभावकारी वैज्ञानिक तकनीकियाँ विश्व भर के लोगों में आंतरिक परिवर्तन लाने का कार्य कर रही हैं।

साक्षी श्री अपनी दिव्य वाणी, चमत्कारी दृष्टि और पवित्र स्पर्श द्वारा सकारात्मक ऊर्जा का संचरण करते हैं।  परामपूज्य गुरुदेव अपनी दिव्य शक्तियों द्वारा व्यक्तियों के भूत, वर्तमान और भविष्य को एक खुली पुस्तक की भांति पढ़ लेते हैं।  वे न सिर्फ उनकी समस्याओं का बयान करते हैं, अपितु उनकी हर प्रकार की दैहिक, मानसिक, आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं का तत्काल और स्थायी समाधान भी उपलब्ध कराते हैं।

2012 in review

The WordPress.com stats helper monkeys prepared a 2012 annual report for this blog.

Here’s an excerpt:

600 people reached the top of Mt. Everest in 2012. This blog got about 5,800 views in 2012. If every person who reached the top of Mt. Everest viewed this blog, it would have taken 10 years to get that many views.

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