धर्म आतंरिक उन्नति और आत्मबोध का विज्ञान है। लेकिन आज यह यांत्रिक अनुष्ठानों की पुनरावृत्ति, रूढ़ियाँ एवं निरर्थक अंधविश्वास मात्र बन गया है। धर्म के इस व्यवसायिकृत संसार में सिद्ध सद्गुरु साक्षी राम कृपाल जी इस तरह की विचारधाराओं और विश्वास प्रणालियों से लोगों को मुक्त करने के लिये सतत कार्यरत हैं जिसने सदियों से मनुष्यता को अँधा और विभाजित कर रखा है।
संसार भर में फैली झूठी धार्मिकता के विरुद्ध एक शक्तिशाली आध्यात्मिक अभियान की अगुआई करते हुए परम पूज्य गुरुदेव ईश्वर को सर्वव्यापी अनंत ऊर्जा, जो कि स्वयं को शांति, सुख और परम आनंद के रूप में व्यक्त करती है, के रूप में परिभाषित करते हैं। इसी का अनुभव आत्मबोध या प्रबोधन कहलाता है। वे आगे कहते हैं कि आत्मबोध के लक्ष्य की दिशा में साई डिवाइन – द साइंस ऑफ़ डिवाइन लिविंग एक मार्ग है जो कि व्यक्ति के पूर्ण परिवर्तन के लिये वैज्ञानिक तकनीक और क्रन्तिकारी अंतर्दृष्टि और उपचार प्रदान करता है। साई डिवाइन, उनकी, ऐसी मानवता की जो कि भौतिक समृद्धि और सम्पन्नता का अनुभव करने वाली और चिरस्थायी आतंरिक सुख एवं आनंद से भरी हुयी हो, के सृजन के लिये परिस्थितियाँ विकसित करने की दृढ़ प्रतिबद्धता को प्रतिष्ठापित करता है| साई डिवाइन के वैज्ञानिक रूप से बनाये हुए कार्यक्रमों में जाति, धर्म और राष्ट्र से परे वातावरण के निर्माण द्वारा आपके अन्दर आतंरिक शांति लाने की जो कि आपसे आपकी अपनी पुनः खोज करवाती है, की विशेषता है।
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