झूठे धर्मों को विदा करो
मैं कहता हूँ माताएं-बहनें कॉस्मेटिक्स का प्रयोग करती हैं इतनी आभा, चमक नहीं आ पाती और चौथी बात जो आपसे कहना चाहता हूँ – आप वर्तमान में जीने लगेंगे। बहुत लोगों को उपदेश देते हुए सुनता हूँ कि “लिव इन द प्रेसेंट फ्रॉम मोमेंट तो मोमेंट”। मैं भी कहता हूँ लेकिन जब लोग मुझसे कहते हैं कि गुरूजी! वर्तमान में जीना सुनने में अच्छा लगता है लेकिन करने में बड़ा कठिन लगता है, कैसे हो? वर्तमान में जीने के लिए फिर आपको साधना नहीं करनी पड़ेगी, आपको यदि लम्बी गहरी श्वांस लेना आ जाये तो आप वर्तमान में जीने लगेंगे। लम्बी गहरी श्वांस अगर आपको लेना आ जाये तो आपकी उम्र १०-१५ साल बढ़ जायेगी। आपके चेहरे पर आभा और सौन्दर्य कई गुना बढ़ जायेगा।
तीसरी बात आप तनाव मुक्त जीवन जीने लगेंगे। लोग आपको बेवक़ूफ़ बनाकर कितना भी पैसा कॉर्पोरेट सेक्टर में ऐंठकर चले जाते हैं। मैं कह रहा हूँ आपको केवल लम्बी गहरी श्वास लेने का अभ्यास हो जाये तो आपको वर्तमान में रहना आ जायेगा। मेरे ये कहने पर लोग फिर से वही बात कहते हैं गुरूजी! ये बात सुनने में तो ठीक है लेकिन लम्बी गहरी श्वास लें कैसे ये कठिन है। आज इसका मन्त्र मैं आपको देता हूँ – इतनी सहज और सरल हो सकती है आपके लिए लम्बी गहरी श्वास लेना। लम्बी गहरी श्वास लेने के लिए आपको बहुत ही सिद्ध विधि बता रहा हूँ – आप २४ घंटे में दो ही प्रकार से जीते हैं या तो कुछ कर रहे होते है या कुछ नहीं कर रहे होते हैं। दो प्रकार से आपका दिन बीतता है या तो कुछ समय ऐसा बीतता है या तो कुछ समय ऐसा होता है कि आप खाली होते हैं, कुछ नहीं कर रहे होते हैं या तो आप कुछ कर रहे होते हैं। दोनों समय के बारे में एक विधि बताता हूँ, जब आप कुछ नहीं कर रहे हैं उस समय आप लम्बी गहरी श्वास लेने कि चिंता न करें। आप सिर्फ जब आप कुछ नहीं कर रहे हैं, बैठे हैं या लेटे हैं आप अपनी आँख बंद कर लीजिये और सिर्फ ये देखिये कि श्वांस आ रही है और जा रही है सिर्फ इतना देखिये बंद आँखों से और इसका परिणाम होगा कि आपकी श्वांस गहरी लम्बी हो जायेगी। आप सिर्फ आँख बंद करके आती और जाती श्वांस को देखते रहिये। अपने आप हो जायेगी आपको कुछ करना नहीं पड़ेगा आप दो मिनट करके देखिये। आप आनंद से भर जायेंगे, आपको लगेगा अरे! क्या हो गया, दो ही मिनट में क्या हो गया, ये तो विधि हुई। जब आप नहा रहे हैं, खा रहे हैं, टी.वी. देख रहे हैं, कुछ पढ़ रहे हैं या पत्नी का हाथ अपने हाथ में लेकर प्रेम कि अभिव्यक्ति कर रहे हैं; कुछ भी अगर कर रहे हैं तो उस समय कि अभिव्यक्ति ये है कि जिस काम को कर रहे हैं उस काम में पूरी तरह डूब जाएँ। भोजन कर रहे हैं तो भोजन इस तरह चबा-चबाकर करें कि भोजन के सिवा कुछ बचे ही नहीं, भोजन अमृत हो जायेगा। ऐसा व्यक्ति कभी डॉक्टर के पास जायेगा ही नहीं, जाने कि जरूरत ही नहीं पड़ेगी। नहा रहे हो तो ऐसे नहाओ कि पानी की जलधार तुम्हारी खोपड़ी से उतारकर नीचे न जाये, पानी की जलधार तुम्हारे प्राणों को भीतर तक भिगो दे। यहाँ लोग नहाते हैं और कभी-कभी लोग हमसे कहते हैं की गुरूजी! शायद मैंने नहा तो लिया है, उन्हें याद ही नहीं है सोते-सोते जी रहे है।
भगवान बुद्ध कहा करते थे कि सब सोये हुए लोग हैं और सोते-सोते ही बच्चे पैदा कर रहे हैं और सोते-सोते ही मकान बनाये चले जा रहे हैं और सोते-सोते ही धन कमाये जा रहे हैं सब सोये हुए लोग हैं, जागे हुए का मतलब यह नहीं है कि उसके लिए बड़ी तपस्या करनी पड़ेगी। बहुत सारे लोग मुझसे कहते हैं कि गुरूजी! सांसारिक जीवन में ये सब कैसे प्राप्त किया जा सकता है? शांति और आनंद जिसको आप कहते हैं “इनर ब्लिस” अरे कैसे मेल सकता है? बुद्ध को १२ साल लग गए, महावीर को ६ साल लग गए, लोगों को ४०-४० साल तक लग गए जंगलों में। लेकिन मैं कहता हूँ – ये सब नासमझी कि बातें हैं बहुत सरल है इस संसार में शांति का अनुभव करना – सांसारिक आदमी तो कर भी सकता है, जंगल में गया हुआ आदमी नहीं कर सकता है। जीवन से भागा हुआ आदमी नहीं कर सकता। पूछो क्यों?
सर्वोत्तम साइड के लिए साधुवाद
जय जय
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