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आध्यात्मिक यात्रा में गुरु का महत्त्व
जीवन में जब भी आध्यात्मिक यात्रा आरंभ होगी तो सबसे पहली और मूलभूत आवश्यकता होगी गुरु की। गुरु ही वह माध्यम होगा जिस से आध्यात्मिक ज्ञान व क्रिया प्राप्त होगी क्योंकि आध्यात्म में पूरा ज्ञान कोडेड है अर्थात गुप्त है, ज्ञान तो है लेकिन क्रियान्वित कैसे किया जाएगा यह गुप्त है। और सारा आध्यात्मिक ज्ञान कोडेड है, गुप्त है, इस ज्ञान को डिकोड करने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है।
संस्कृत साहित्य और भी क्लिष्ट हो जाता है क्योंकि सारी जानकारी संदर्भों (references) में होती है अर्थात पूर्ववर्ती ज्ञान की भी जानकारी होनी चाहिए। इसीलिए जीवन में आध्यात्मिक प्रगति के लिए गुरु परम आवश्यक है। गुरु केवल जानकारी एवं ज्ञान ही नहीं डिकोड करता बल्कि और भी बहुत सी क्रियाएँ नियंत्रित करता है। एक उच्चकोटि का गुरु क्या क्या कर सकता है इसका और अधिक वर्णन अगली पोस्ट्स में किया जाएगा।