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आकर्षण का नियम 2

हर विचार एक कारण है और हर कार्य या उत्पन्न परिस्थिति उसका परिणाम मात्र है। इस विश्व में विचार ही सबसे महत्त्वपूर्ण, रहस्यपूर्ण और अदृश्य, जीवित मौजूद शक्ति है। विचार बिलकुल जीवित वस्तुओं की तरह हैं। बाहरी सफलता भीतर की सफलता से ही प्रारम्भ होती है और यदि वास्तव में गंभीरतापूर्वक अपने वाह्य जीवन की गुणवत्ता को सुधारना चाहते है, तो आपको पहले अपने आंतरिक जीवन को सुधारना होगा। मस्तिष्क में छुपी हुई असीमित क्षमताओं को खोजना सीखने और इसके प्रभावी प्रयोग से, जो आप बनना चाहते हैं वह बनने और जीवन में असाधारण सफलता प्राप्त करने से महत्त्वपूर्ण कुछ भी नहीं है।
आकर्षण का नियम, ब्रह्माण्ड का प्रकृतिक नियम है। इसके अनुसार, “लाइक अट्रैक्ट्स लाइक” यानि जब आप किसी विशेष विचार पर ध्यान केन्द्रित करते हैं तो आप उसी तरह के अन्य दूसरे विचारों को अपनी ओर आकर्षित करना प्रारम्भ कर लेते हैं। विचारों में चुम्बकीय शक्ति है और वे अपनी विशेष आवृत्ति (फ्रिक्वेन्सी) पर काम करते हैं। अतएव, वे उस फ्रिक्वेन्सी पर कार्य कर रहे अन्य सभी समान विचारों आकर्षित करना और आपको सर्वथा प्रभावित करना प्रारम्भ कर देते हैं। आप ब्रह्माण्ड के सबसे शक्तिशाली संचरण मीनार (ट्रांसमिसन टावर) हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप नियति को क्या संदेश देना और उससे क्या प्राप्त करना चाहते हैं।

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आकर्षण का नियम

आकर्षण का नियम, ब्रह्माण्ड का प्राकृतिक नियम है। इसके अनुसार, “लाइक अट्रैक्ट्स लाइक” यानि जब आप किसी विशेष विचार पर ध्यान केन्द्रित करते हैं तो आप उसी तरह के अन्य दूसरे विचारों को अपनी ओर आकर्षित करना प्रारम्भ कर लेते हैं। विचारों में चुम्बकीय शक्ति है और वे अपनी विशेष आवृत्ति (फ्रिक्वेन्सी) पर काम करते हैं। अतएव, वे उस फ्रिक्वेन्सी पर कार्य कर रहे अन्य सभी समान विचारों आकर्षित करना और आपको सर्वथा प्रभावित करना प्रारम्भ कर देते हैं। आप ब्रह्माण्ड के सबसे शक्तिशाली संचरण मीनार (ट्रांसमिसन टावर) हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप नियति को क्या संदेश देना और उससे क्या प्राप्त करना चाहते हैं।

आपका वर्तमान जीवन आपके बीते हुए कल में आप द्वारा की गयी इच्छाओं और विचारों का परिणाम है और, जैसे आपके विचार आज हैं उससे आपका भविष्य निर्मित होगा। “विचार शक्ति का विज्ञान” का सार है कि आप जिस विषय में विचार करते हैं या ध्यान केन्द्रित करते हैं आपको वही प्राप्त होता है, चाहे आप चाहें या न चाहें। एक दूसरे से मिलते जुलते सारे विचार एक ही दिशा में पंक्तिबद्ध होकर वस्तु रूप लेने लगते हैं। निराकार साकार रूप लेने लगता है।

आप जिस भी संबंध में विचार कर रहे हैं वह आपके भविष्य की घटनाओं की योजना बनाने जैसा है। जब आप किसी की प्रशंसा कर रहे हैं तब भी आप योजना बना रहे हैं। जब आप किसी विशेष विषय में चिंता कर रहे हैं तब भी आप योजना बना रहे हैं। चिंता करना आपकी कल्पनाशक्ति से कुछ ऐसा करवाती है जैसा आप अपने जीवन में कभी नहीं होने देना चाहेंगे। इस तरह हर विचार विश्व व्यवस्था या ब्रह्माण्ड को एक निमंत्रण है और आपके विचार शक्ति से निमंत्रण के बिना आपके जीवन में कुछ भी घटित नहीं हो सकता है। और, विश्वास रखें, शक्तिशाली आकर्षण के नियम का कोई अपवाद नहीं है।

कल्पनाओं से परिपूर्ण विचार समान चीजों को वास्तविकता की ओर आकर्षित करते हैं। मतलब आपके विचार अपने साथ की कल्पना की शक्ति से और भी शक्तिशाली हो जाते हैं। विचारों को वास्तविकता में बदलने में कल्पनाएं एक शक्तिशाली भूमिका निभाती हैं। यदि आप किसी ऐसे लक्ष्य के बारे में सोचिए जिसके बारे में आपका उत्साह आधा-अधूरा हो। इस लक्ष्य को पाने में आपको अधिक समय लगेगा।   परंतु यदि आप भावनात्मक रूप से पूरी तरह उत्साहित हैं तो आपको लक्ष्य बहुत जल्दी प्राप्त होगा। दूसरे शब्दों में, यदि आपके विचार आपको लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में ले जाने वाले वाहन हैं तो आपकी भावनाएं ईंधन हैं जो इस वाहन को शक्ति देती हैं।

आप अपने जीवन में होने वाली हर घटना के उत्तरदायी हैं। किसी स्तर पर – चेतन या अचेतन, आपने हर आदमी, हर विचार, हर रोग, हर आनंद और दर्द के हर क्षण को अपने जीवन में आकर्षित किया है। आप जो भी विचार करते हैं और जो भी अनुभव करते हैं वह बिना किसी अपवाद के आपके जीवन में घटित हो जाता है। यह होता ही है चाहे भले ही आप ऐसा न चाहते हों।

अपने जीवन को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने के लिये, अपनी दिनचर्या को विभागों में विभाजित करने का प्रयास कीजिये। इसका सबसे अच्छा तरीका है की अपनी घरेलू जिंदगी, स्कूल की जिंदगी, निजी जिंदगी, और पारिवारिक जिंदगी को अलग-अलग कर दें। ध्यान रखेँ अपनी प्राथमिकताओं को इनके साथ न उलझाएं।

यह पृथक्करण आपकी कई तरीकों से मदद करेगा। यह आपके तनाव के स्तर को कम करने में, आपकी विचार शक्ति को बढ़ाने में, आपको और प्रभावशाली और उपजाऊ बनने में मदद करेगा। इस अलगाव की सबसे विशेष बात यह है की यह आपको स्वाभाविक रूप से परिपक्क्व बनाएगा।

कम प्रयासों से अधिक की प्राप्ति

बहुत समय से पुराने लोग इस भ्रम में थे कि जीवन से और अधिक प्राप्त करने या जीवन में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त करने के लिये हमें कठिन मेहनत करनी होगी, अपने व्यावसायिक जीवन को और अधिक समय और ऊर्जा देनी होगी और हर तरह का बलिदान देना होगा।  तथापि, रिचर्ड कोच ने पता लगाया कि यह निष्कर्ष गलत है।  उन्होने यह सिद्ध किया कि किस तरह जीवन के हर क्षेत्र में “कम प्रयासों से अधिक की प्राप्ति हो सकती है”।  वे कहते हैं, आनंद, ज़्यादा के लिए प्रयास करने से नहीं कम के लिए करने से प्रवाहित होता है।  अधिक की प्राप्ति के लिए काम कम करो।  यह सिर्फ उन चीजों पर जो कि वास्तव में महत्त्वपूर्ण हैं ध्यान देकर प्राप्त किया जा सकता है।  इसके लिए, अपने सिर्फ सबसे बेहतरीन 20 प्रतिशत पर ध्यान केन्द्रित रखिए।  यह दावा “80/20 सिद्धान्त” की जबर्दस्त खोज पर आधारित है।

यू कैन टॉप

आपमें स्वयं को परिभाषित करने की परम शक्ति है।  आपका भूत कभी आपके वर्तमान या भविष्य का निर्धारण नहीं कर सकता है।  इसलिये आज से ही अपनी नयी शक्तिशाली पहचान का दावा शुरू कीजिये।  लिखना शुरू कीजिये कि आप क्या बनना चाहते हैं।  और मेरा विश्वास कीजिये, आप जो भी चाहें बन सकते हैं और अपनी पहचान आप बदल सकते हैं सिर्फ इसे करने का निर्णय लेकर।  निर्णय लीजिये, सोचना शुरू कीजिये, अनुभव कीजिये और जैसा आप बनना चाहते हैं वैसे होने का अभिनय  कीजिये।  जल्दी ही एक चमत्कार होगा:  आप वही व्यक्ति बन जाएंगे। 

डर और चिंता

क्या आप किसी चीज से डरते हैं और उस पर काबू पाना चाहते हैं? याद रखिए डर किसी भी तरह के खतरे की जीव-वैज्ञानिक प्रतिक्रिया है।  इसके लक्षण हैं तनाव, कमजोरी, पेट में खालीपन आदि। अगर खतरा ऐसे कोई लक्षण प्रकट नहीं करता है तो या तो व्यक्ति खतरे के प्रति उदासीन है या फिर “चिंतित” है लेकिन डरा हुआ नहीं।  इससे कोई कैसे निपटता है यह दो कारकों पर निर्भर है: डर की तीव्रता और व्यक्ति की आंतरिक इच्छाशक्ति।  यदि आप किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहते हैं तो ऐसी भावनाओं से आपका कभी सामना नहीं होगा।  डीप ब्रीदिंग, पावर स्लीप और महा मेधा क्रिया ये सभी डरों से बाहर निकलने में आपकी मदद करती हैं क्योंकि ये आपको स्थिति का विश्लेषण करने और जीतने के लिए उपयुक्त रणनीति विकसित करने का अवसर देती हैं।

जल्दी सीखने का अभ्यास

क्या आपने कभी ध्यान दिया है, आपके आप-पास के सफल लोग कौन सी आदतें धारण करते हैं? जिस प्रकार वे बात करते हैं, चलते हैं, अलग-अलग उम्र के लोगों से कैसे संवाद करते हैं उसकी एक सूची बनाने की कोशिश कीजिये और क्यों न उन्हीं से सलाह लें कि आपको किस तरह से व्यवहार करना चाहिये, काम करना चाहिये, अध्ययन करना चाहिये और जीना चाहिये; वे अपने रहस्यों को आपसे बांटने में प्रसन्न ही होंगे।

कुछ भी जल्दी सीखने का सबसे अच्छा तरीका है कि जो आप सीखना चाहते हैं उसका पूर्वदर्शन कीजिये। फिर यह समझने का प्रयास कीजिये कि उस विषय पर किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं,  यह जानने के बाद पाठ्य सामग्री और अपने नोट्स को पढ़ने का प्रयास कीजिये।  अंततः, आपने जो पढ़ा है उसका स्वयं अनुवाचन कीजिये और बीच में आप जो भूल गए हैं उसकी जाँच कीजिये।  इस अंतर को दूर करके आप एक आत्मविश्वासी शिक्षार्थी बन सकते हैं।

उद्धरण: ‘यू कैन टॉप’ पुस्तक

शक्तिशाली श्वशन (पावर ब्रीदिंग) काफी प्रभावकारी है!

अपनी एकाग्रता को बढ़ाने और तनाव स्तर को कम करने के लिये, योगी और कुशल लोग इसी प्रकार की पावर ब्रीदिंग की सलाह देते हैं।  इस सलाह के पीछे रहस्य यह है कि श्वसन आपके शरीर को प्रचुर मात्र में प्राणवायु (ऑक्सिजन) प्रदान करता है और अंततः यह प्राणवायु मस्तिष्क तक पहुँच कर इसे सक्रिय और ऊर्जावान बनाती है।  पावर ब्रीदिंग कहीं भी की जा सकती है और यह क्षात्रों के लिये सर्वोत्तन व्यायाम मानी गयी है।

पावर ब्रीदिंग के लिये, सुखपूर्वक बैठ जाइए और अपनी नासिका से धीरे-धीरे गहरी सांस लीजिये और अपने पेट को अंदर खींचते हुए सांस को बाहर निकालिये।  इस कार्य को बिना किसी जल्दबाज़ी के 10 बार करना है।

उद्धरण:  “यू कैन टॉप” पुस्तक

आस्था और आकर्षण

आस्था इतनी शक्तिशाली है कि यह घटनाओं और आपकी मनोवांछित परिस्थितियों को आपके जीवन में आकर्षित करने के लिये प्रयोग की जा सकती है।  आस्था का अभाव आपके मस्तिष्क में उन विचारों को उत्पन्न करेगा जो आपकी उन इच्छित घटनाओं जिनका कि आप आकर्षण करना चाहते हैं उनके विपरीत होगा।  उदाहरण तया, आपकी करोड़पति बनने की इच्छा हो सकती है, लेकिन आप ईमानदारी से यह विश्वास नहीं कर पाते हैं कि आप अपनी वर्तमान परिस्थितियों में इसे इतनी शीघ्रता से प्राप्त कर सकते हैं।  दृढ़ आस्था के अभाव में आपकी सभी इच्छाएं एवं लक्ष्य व्यर्थ हैं।

अपने लक्ष्य को वास्तविकता में बदलने के लिये आपको अपने भीतर प्रबल विश्वास करने की दृढ़ इच्छा शक्ति विकसित करनी होगी।  कोई भी व्यक्ति अपने आस्था तंत्र को सकारात्मक रूप से बढ़ना और दिन प्रतिदिन शक्तिशाली होना सिखा सकता है।  शुरुआत आप एक ऐसे लक्ष्य से कर सकते हैं जिस पर आपको विश्वास हो कि यह प्राप्त करना संभव है।  प्रारम्भ में शून्य से करोड़पति बनना बहुत अधिक लग सकता है, लेकिन लखपति बनने का लक्ष्य बनाना संभावना के क्षेत्र में लगता है।  आप इस लक्ष्य को प्राप्त करने में आस्था रखिये और आप देखेंगे कि किस तरह आकर्षण का नियम आपके लिये कार्य करता है।

उद्धरण: “यू कैन टॉप” पुस्तक।

आकर्षण का नियम

“सिर्फ बहुत कम लोग विचार करते हैं, उनमें से ज़्यादातर सोचते हैं कि वे विचार करते हैं लेकिन इस पृथ्वी पर ज़्यादातर लोग विचार करने के विषय में सोचते तक नहीं हैं”।

उद्धरण: यू कैन टॉप पुस्तक।