डर और चिंता
क्या आप किसी चीज से डरते हैं और उस पर काबू पाना चाहते हैं? याद रखिए डर किसी भी तरह के खतरे की जीव-वैज्ञानिक प्रतिक्रिया है। इसके लक्षण हैं तनाव, कमजोरी, पेट में खालीपन आदि। अगर खतरा ऐसे कोई लक्षण प्रकट नहीं करता है तो या तो व्यक्ति खतरे के प्रति उदासीन है या फिर “चिंतित” है लेकिन डरा हुआ नहीं। इससे कोई कैसे निपटता है यह दो कारकों पर निर्भर है: डर की तीव्रता और व्यक्ति की आंतरिक इच्छाशक्ति। यदि आप किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहते हैं तो ऐसी भावनाओं से आपका कभी सामना नहीं होगा। डीप ब्रीदिंग, पावर स्लीप और महा मेधा क्रिया ये सभी डरों से बाहर निकलने में आपकी मदद करती हैं क्योंकि ये आपको स्थिति का विश्लेषण करने और जीतने के लिए उपयुक्त रणनीति विकसित करने का अवसर देती हैं।
Posted on जुलाई 19, 2013, in उद्धरण, यू कैन टॉप and tagged anxiety, चिंता, डर, राम कृपाल, fear, Ram Kripal. Bookmark the permalink. टिप्पणी करे.